उसकी हर गलती भूल जाता हूँ जब वो मासूमियत से पूछती है नाराज है क्या ?

खामोशियां ही बेहतर हैं, शब्दों से लोग नाराज़ बहुत हुआ करते हैं

नाराज़गी हो तो जता लेना, लेकिन नफ़रत न करना, चाहत किसी और हो जाएं तो बता देना, बस बेवफाई न करना

बेशक मुझपे गुस्सा करने का हक है तुम्हे, पर नाराजगी में हमारा प्यार मत भूल जाना

किसी को मनाने से पहले ये जान लेना कि वो तुमसे नाराज है या परेशान

रिश्ते दूर तक चलते अगर, नाराजगी की उम्र कम हो

निकाल दिए गए कुछ दिलों से,उन्हें हमसे गीला भी नहीं, और एक हम हैं के कबसे ज़हेन में नाराजगी लिए बैठे हैं

नखरे तेरे, नाराजगी तेरी, देख लेना! एक दिन जानले लेगी मेरी

नाराज़गी उनसे भले बेशुमार रहती है, पर उन्हें देखने की चाहत बरकरार रहती हैं

मुद्दतों से था जो नाराज़ मुझसे, आज वही मुझसे मेरी नाराजगी की वजह पूछता है